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Author(s): कविता शर्मा

Email(s): kavitash19@gmail.com

Address: द आई सी एफ़. ए. आई यूनिवर्सिटी, रायपुर (छ.ग.) *Corresponding Author: kavitash19@gmail.com

Published In:   Volume - 31,      Issue - 2,     Year - 2025

DOI: 10.52228/JRUA.2025-31-2-10  

ABSTRACT:
वर्तमान युग में विज्ञान का प्रभाव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमें दिखाई देता है आज विज्ञान के बिना समाज की कल्पना करना असम्भव है I हमारी संस्कृति में विज्ञान घुल-मिल गया है I विज्ञान की शिक्षा के प्रचार प्रसार से मानव की विचार धारा में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है I इस परिवर्तन ने व्यक्ति की आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्थिति को भी प्रभावित किया है I वैज्ञानिक योग्यता से हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हुआ है वही कुछ नवीन समस्याएँ भी उत्त्पन्न हुई है I इन समस्याओं के समाधान के लिए विज्ञान का अध्ययन आवश्यक है, जिससे व्यक्ति की बदलती हुई परिस्थितियों को अपने में समायोजित कर सके I विद्यालयीन परिप्रेक्ष्य में विज्ञान को समझना प्रत्येक छात्र व विज्ञान शिक्षक के लिए आवश्यक हैI विज्ञान की प्रकृति के आधार पर विज्ञान को समझने में मदद मिलती है I इसकी प्रकृति ऐसी है जो स्वयं में प्रक्रिया, एकीकृत कौशल एवं उत्पाद को समाहित करती है I विज्ञान शिक्षण में अधिगम प्रक्रिया के दौरान बहुमाध्यम दृष्टिकोण का उपयोग छात्रों के सीखने को अधिक प्रभावी और रोचक बनाने के लिए किया जाता है। इस दृष्टिकोण में पाठ्यक्रम को विभिंन्न माध्यमों जैसे चित्र, वीडियो ,मॉडल, ऑडियो, प्रायोगिक उपकरण आदि के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

Cite this article:
कविता शर्मा (2025). विज्ञान शिक्षण में अधिगम प्रक्रिया के दौरान बहुमाध्यम दृष्टिकोण के उपयोग ,छात्रों की वैज्ञानिक योग्यता के प्रभाव का विश्लेषण. Journal of Ravishankar University (Part-A: SOCIAL-SCIENCE), 31(2), pp.100-110. DOI:DOI: https://doi.org/10.52228/JRUA.2025-31-2-10


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