ABSTRACT:
कृषि क्षेत्र में रोजगार का स्वरूप औद्योगिक क्षेत्र की तरह सीधा एवं सरल नहीं है. कृषकों की मानसून पर निर्भरता तथा सिंचाई के साधनों के अभाव मे कृषकों के रोजगार के अवसरों को और अधिक अनिश्चत बना दिया है. मौसमी बेरोजगारी तथा छिपी हुई बेरोजगारी कृषि क्षेत्र के सत्य के रूप में उजागर हुए हैं. कृषि क्षेत्र में, रोजगार के मापन को लेकर शोध कार्यों की गहनता चौथे दशक के अंत से प्रारंभ हुई, शोध कार्यों को मुख्य रूप से दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है : (प्रथम) वे साहित्य जो मौसमी बेरोजगारी / अर्धबेरोजगारी को लेकर किये गये हैं तFkk (fद्तीय) वे साहित्य जिन्होंने कृषि क्षेत्र की छिपी हुई बेरोजगारी को अपना अध्ययन केन्द्र विन्दु बनाया. प्रस्तुत अध्ययन कृषि क्षेत्र में व्याप्त, मौसमी बेरोजगारी तथा अर्धबेरोजगारी की समस्या पर आधारित है.
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दुबे (1994). कृषि क्षेत्र में रोजगार का स्वरूप - रायपुर जिला का एक अध्ययन. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 7(1), pp. 01-10.