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Author(s): हेमलता बोरकर वासिनक, प्रमोद कुमार शर्मा

Email(s): Email ID Not Available

Address: समाजशास्त्र अध्ययनशाला
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर

Published In:   Volume - 22,      Issue - 1,     Year - 2016

DOI: Not Available

ABSTRACT:
समकालीन महिला समाज में कई प्रकार की समस्याएं है किन्तु महिला सुरक्षा की समस्या सबसे बड़ी समस्या एवं पुनीती कही जा सकती है । भारतीय समाज के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखने पर मात होता है कि पूर्व में महिलाओं से संबंधित मामलों को उजागर नहीं होने दिया जाता था जिसके कारण अपराध के कारणों व अपराधियों तक पहुंचना असंभव कार्य होता था । सामाजिक लोकलज्जा के कारण कई बार परिवार में ही मामलों को दबा दिया जाता था । जैसे - जैसे महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार के मामले बढ़ते गए वैसे - वैसे समाजसुधारकों के प्रयास से मामलों के विरूद्ध कार्यवाही होने लगी तब कहीं जाकर महिलाओं के साथ परिवार के सदस्यों ने आपराधिक मामलों को उजागर करना जरूरी समझा और आज हम पाते है कि महिलाओं के खिलाफ दर्ज किए मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हो गई है । धेड़छाड़ एवं बलात्कार के मामलों को देखे तो ज्ञात होता है कि आज दुनिया की हर दुसरी महिला छेड़छाड़ का शिकार होती है । भारत में बलात्कार की घटनाएं निरंतर बढ़ रही है 2011 के राष्टीय क्राईम रिपौत ब्यूरो के अनुसार इसकी संख्या 22979 हो गई है जिसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं शामिल है . लेकिन सर्वाधिक रूप से 18 से 30 वर्ष की महिलाएं बलात्कार का शिकार होती है इनकी संख्या 13183 है । वर्तमान में 2 से 10 वर्ष तक की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है । ये तो केवल पंजीकृत मामले है परंतु कई मामले पजीकृत नहीं होने की वजह से प्रकाश में नहीं आ पाते हैं । इस तरह हम कह सकते है कि महिलाओं की सुरक्षा का विषय एक गंभीर मुददा है । यदि इस विषय पर नहीं सोचा गया तो महिलाओं का इस समाज में जीना दुभर हो जायेगा यही कारण है कि प्रस्तुत आययन में महिला सुरक्षा विषय को गुना गया है । यह अध्ययन द्वितीय ग्रोतो पर आधारित है । अध्ययन विस्तु विश्लेषण पर केन्द्रित है । इसके लिए दैनिक भास्कर समाचार पत्र के 1 अक्टुकर 2013 से 31 दिसम्बर 2013 अर्थात 3 माह तक के समाचार पेपर पर प्रकाशित महिला बलात्कार मामलों का विवेचन किया गया है । 1 अगस्त 2013 से 1 जनवरी 2014 के समाचार पत्र दैनिक भास्कर का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि ऐसा कोई भी दिन नहीं बचा जिसमें बलात्कार की घटना का उल्लेख नही हुआ है । समाचार पत्र में यह भी खुलासा हुआ की समान्यत . बलात्कार की घटना परिचितो के द्वारा की जाती है । ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो में इस प्रकार की घटना को देखा जा सकता है ।

Cite this article:
वासिनक एवं शर्मा (2016). महिला सुरक्षा की चुनौतियां:एक विश्लेषण. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 22(1), pp.81-85.


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