ABSTRACT:
इस शोध- पत्र का उद्देश्य शोध - छात्र ,प्रबुद्ध वर्ग एवं भाषाविज्ञान के विद्वानों का ध्यान छत्तीसगढ़ी बोली में वचन की विशेषताओं से परिचित कराना है. संकल्पनात्मक दृष्टि से हिंदी की तरह छत्तीसगढ़ी में भी केवल दो वचन है- एकवचन और बहुवचन. छत्तीसगढ़ी में बहुवचन बनाने के लिए कोई प्रत्यय नहीं है, किंतु शब्दांत में अथवा शब्द - पूर्व कोई स्वतंत्र शब्द लगा कर बहुवचन बनाया जाता है. हिंदी बहुवचन प्रत्ययों की भांति ऐसा एक भी प्रत्यय नहीं है, जो छत्तीसगढ़ी शब्दों से जुड़कर बहुवचन का भाव प्रदर्शित करता हो. बहुवचन का भाव प्रदर्शित करने वाले स्वतंत्र शब्दों का प्रयोग छत्तीसगढ़ी में किया जाता है. इस शोध- पत्र में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, और रायगढ़ जिले की छत्तीसगढ़ी बोली में प्रयुक्त वचन - शब्दों का अध्ययन किया गया है.
Cite this article:
शर्मा (1994). छत्तीसगढ़ी में वचन. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 7(1), pp. 31-37.