ABSTRACT:
अध्ययन रायपुर क्षेत्र के ग्रंथालय व्यवसायिकों के मध्य सतत व्यवसायिक विकास एवं कार्य संतुष्टि को ज्ञात करना हैं। कर्मचारियों का प्रशिक्षण संगठन की दक्षता को दर्शाता है इसलिए संगठन के कर्मचारियों का प्रशिक्षण संगठन की एकमात्र जिम्मेदारी होती है जिससे संगठन की सुव्यवस्थित प्रबंधन के लिए कर्मचारी अपने पूर्ण कुशलता का उपयोग कर सकते हैं अतः व्यवसायिकांे का प्रशिक्षण व्यवसायिक विकास का अध्ययन महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। अध्ययन में यह पाया गया कि रायपुर क्षेत्र के ग्रंथालय व्यवसायी केवल 60.66ः संतुष्ट हैं। योग्यता तथा कार्य की प्रकृति का कार्य संतुष्टि पर कोई प्रभाव नही पड़ता। सतत व्यवसायिक विकास के अंर्तगत सहमति का माध्य अधिक प्राप्त हुआ अतः सतत व्यवसायिक विकास की ग्रंथालय व्यवसायी के लिए आवष्यक हैं। रिफ्रेशर कोर्स, सेमिनारों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं आदि में भाग लेने के लिए ग्रंथालय व्यावसायिकों को प्रोत्साहित करना होगा जो तकनीकी क्षमता और दक्षता को बढ़ाएंगे। इस प्रकार सतत व्यावसायिक विकास विश्वविद्यालय का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों में काम करने वाले पुस्तकालय व्यावसायिकों को निरंतर प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए जो उन्हें विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कौशल, ज्ञान और दक्षताओं को सीखने, सुधारने, विकसित करने के लिए तैयार कर आजकल के ग्रंथपाल को बदली भूमिका में आगे आने का अवसर प्रदान करता हैं।
Cite this article:
जोशी एवं साहू (2019). ग्रंथालय व्यवसायिकों में व्यवसायिक विकास एवं कार्य संतुष्टि: रायपुर क्षेत्र के विषेष संदर्भ में. Journal of Ravishankar University (Part-A: SOCIAL-SCIENCE), 25(1), pp.15-25.DOI: https://doi.org/10.52228/JRUA.2019-25-1-3