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Author(s): अब्दुल सत्तार

Email(s): Email ID Not Available

Address: अध्यापक शिक्षा संस्थान
प. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर

Published In:   Volume - 15,      Issue - 1,     Year - 2002

DOI: Not Available

ABSTRACT:
साक्षरता का गुणगान बहुत प्राचीन काल से होता रहा है । " बिना पढ़े नर पशु कहावै , जग में सैकड़ों दुःख उठावे । " निरक्षरता के अभिशाप को लोग पहले भी समझते थे । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने " हरिजन बन्धु " में लिखा था - " जन - समूह की निरक्षरता हिन्दुस्तान का पाप है , शर्म है और वह दूर होनी ही चाहिए । देश को निरक्षरता के कलंक से मुक्ति का सबसे महत्त्वपूर्ण माध्यम महिला साक्षरता है पूर्वप्रधानमंत्री राजीव गांधी ने छ : राष्ट्रीय मिशनों में से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन को प्राथमिकता देकर देश को निरक्षरता के कलंक से मुक्त कराने की चेष्टा की । 5 मई वर्ष 1988 से प्रारंभ राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के जन अभियान की शुरूआत हुई जिसका सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य देश में महिला साक्षरता की स्थिति में सुधार लाना । प्रस्तुत शोध पत्र साक्षरता मिशन के सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत बालिका शिक्षा की भूमिका का समीक्षात्मक अध्ययन पर किया गया है ।

Cite this article:
सत्तार (2002). बालिका शिक्षा के संदर्भ में सर्व शिक्षा अभियान की भूमिका का समीक्षात्मक अध्ययन. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 15(1), pp.77-79.


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