ABSTRACT:
भारत में गन्दी बस्तियों का विकास केन्सर की तरह बढ़ रहा है . इनवेस्टीगेशन कमेटी के अनुसार भारत के महानगरीय क्षेत्रों में ३४ प्रतिशत जनसंख्या गन्दी बस्तियों में आवासित है एवम् भारत की ३४ प्रतिशत जनसंख्या १ लाख से दस लाख के नगरों के मध्य आवासित है वर्तमान समय में देश की २५ प्रतिशत जनसंख्या गंदी बस्तियों मे रह रही है . गंदी बस्तियों में आवासित व्यक्तियों की आवासीय स्थिति दयनीय एवम् स्वास्थ्य स्तर असंतोषप्रद पाया जाता है . यहां कुपोषण का विस्तार हो रहा है . भिलाई औद्योगिक क्षेत्र में सर्वेक्षित ४५ गंदी बस्तियाँ है . जहाँ भिलाई नगर की २२ प्रतिशत जनसंख्या आवासित है . संजय नगर एवम् कुम्हारी उड़ीया बस्ती में पारिवारिक आय एवं कैलोरी उपलब्धता में घनात्मक सह - संबंध पाया जाता है . परिवारों का मुख्य खाद्यान्न चावल है , जिसमें उसना चावल का अधिक उपयोग होने के कारण विटामिन ' बी ' की प्राप्ति बहुत अच्छी है , किन्तु समग्र पोषक तत्वों की दृष्टि से इन गंदी बस्तियों के ८५ प्रतिशत परिवार स्वीकृत स्तर से निम्न आहार प्राप्त कर रहे हैं . जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव स्वास्थ्य पर दिखायी पड़ता है .
Cite this article:
शर्मा एवं त्रिपाठी (1993). भिलाई औद्योगिक क्षेत्र में गन्दी बस्तियाँ एवम् पोषण अध्ययन. Journal of Ravishankar University (Part-A: SOCIAL-SCIENCE), 6(1), pp.59-73.