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Author(s): शिवेन्द्र बहादुर, सरला शर्मा

Email(s): shivendrakorar@gmail.com

Address: भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author: shivendrakorar@gmail.com

Published In:   Volume - 29,      Issue - 1,     Year - 2023

DOI: 10.52228/JRUA.2023-29-1-4  

ABSTRACT:
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ के नगरों में द्वितीयक एवं तृतीयक कार्यों के उन्नयन से महिलाओं की व्यावसायिक संरचना में विविधता दृष्टव्य हुई है। इससे महिलाओं की आर्थिक क्रियाशीलता से न केवल महिलाओं की, अपितु उनके परिवार की भी आर्थिक स्थिति सृदृढ़ एवं समृद्ध हुई है। इसके अलावा परिवार के साथ महिलाओं की भी जीवन की गुणवत्ता में गुणात्मक विकास संभव हो सका। अस्तु, परिवार को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत करने में महिलाओं की भूमिका निर्णायक रही है। इन्हीं तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए नगरीय कार्यशील महिलाओं के आर्थिक स्तर का निर्धारण कर उनके स्थानिक-कालिक प्रतिरूप का विश्लेषण करना, परिवार के आर्थिक तंत्र को समझने में सार्थक सिद्ध होगी। छत्तीसगढ़ के दस प्रथम श्रेणी के नगरों में कार्यशील महिलाओं के आर्थिक स्तर का विश्लेषित करना प्रस्तुत शोध का मुख्य उद्देश्य है। प्रस्तुत शोध मुख्यतः प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित है। आंकड़ों के संकलन के लिए नगरों के चयन में उनकी भौगोलिक पृष्ठभूमि के साथ जनसंख्या की विशेषताओं को भी आधार मानकर छत्तीसगढ़ के प्रथम श्रेणी के सभी दस नगर- रायपुर, भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, राजनांदगांव, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर एवं धमतरी का चयन किया गया, जो प्रदेश के सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधी नगर है। चयनित नगरों से कार्यशील महिलाओं का चयन उनके कार्यिक प्रतिरूप को दृष्टिगत रखते हुए उद्देश्यपूर्ण दैव निदर्शन विधि द्वारा किया गया। चयनित नगरों में महिलाओं के कार्यिक प्रतिरूप को दृष्टिगत रखते हुए सभी महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र, यथा- शासकीय सेवा, शैक्षणिक संस्था, अशासकीय सेवा, दुकान/व्यापार, मजदूरी/घरेलू मजदूरी, अस्पताल, बैंक तथा अन्य क्षेत्रों से महिलाओं का चयन कर जानकारी प्राप्त की गई। इस प्रकार छत्तीसगढ़ के दस प्रथम श्रेणी के चयनित नगरों की कार्यशील महिलाओं के आर्थिक स्तर को स्थानिक तथा कालिक आधार पर एवं रोजगार के पूर्व तथा रोजगार के बाद की स्थिति में विश्लेषित किया गया है। इसके अलावा आर्थिक स्तर को महिलाओं के प्रवास प्रतिरूप, वैवाहित स्थिति, जाति संरचना, शैक्षणिक स्थिति एवं व्यवसाय के अनुसार भी विभाजित कर बहुचर कारक विश्लेषण में जतराना (2001) एवं काक्स (1972) द्वारा प्रयुक्त बहुचर मॉडल के अन्तर्गत बहुचर गुणनपूर्ण सहसम्बध गुणांक का प्रयोग करके विश्लेषित किया गया, जो उच्च सार्थक स्तर (0.01) पर प्रमाणित हुआ।

Cite this article:
बहादुर और शर्मा (2023). छत्तीसगढ़ की नगरीय कार्यशील महिलाओं का आर्थिक स्तर: एक भौगोलिक विश्लेषण. Journal of Ravishankar University (Part-A: SOCIAL-SCIENCE), 29(1), pp. 21-37. DOI:DOI: https://doi.org/10.52228/JRUA.2023-29-1-4


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