ABSTRACT:
प्रस्तुत लेख का सार यही है कि टोनही समस्या के परिप्रेक्ष्य सीमित नहीं है । इस मुद्दे के समाधान की चेष्टा के पूर्व ही इसे वृहद परिदृश्य जैसे - आर्थिक , सामाजिक , सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक के लिए समझना बहुत जरूरी है । हमारे समाज को इस जटिल समस्या से मुक्ति पाने अनेको प्रयास करने होंगे जैसे- महिलाओं की सुशिक्षा , आत्मनिर्भरता की वृद्धि , जीवन स्तर में सुधार , पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था एवं आवागमन के बेहतर साधन ताकि उनमें रूढ़ियों से बाहर निकलकर सभ्य समाज का हिस्सा बनने की ललक जागृत हो जिससे स्थितियां नियंत्रण में आने से शायद का भूत भाग सके . एवं महिलाएं इस कलंक से कलंकित होने से बच सकें ।
Cite this article:
ठाकुर एवं चन्द्राकर (2016). छत्तीसगढ़ में महिलाओं के मानव अधिकार का हनन : टोनही कुप्रथा के संदर्भ में. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 22(1), pp.112-116.