ABSTRACT:
२० वी शताब्दी के दौरान भारतीय स्वाधीनता संग्राम के संपूर्ण कालक्रम में छत्तीसगढ़ क्षेत्र राष्ट्रीय विचारधाराओं, आदर्शो तथा नीतियों से जुड़ा रहा । इस काल में अन्य वर्गों के साथ-साथ कृषकों ने भी विदेशी सत्ता द्वारा किये जा रहे शोषण के विरुध असंतोष व्यक्त किया । क्षेत्र के एक छोटे से ग्राम कंडेल के किसानों ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार की ज्यादती से खिलाफ सन् १९२० में लगभग 5 माह तक सत्याग्रह किया । कंडेल ग्राम के किसानों द्वारा सत्याग्रह करने का कारण था, मध्यप्रांत सरकार द्वारा जबरदस्ती नहर कर वसूत करना तथा कर देने से इंकार करने पर ग्रामविसियों पर जुर्माना लगा देना । सत्याग्रह की प्रवृत्ति और चरित्र निर्धारण करने में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों ने प्रमुख भूमिका निभाई । अंततः किसानों को अपने उद्देश्य में सफलता मिली तथा सरकार को जुर्माना माफ करने की घोषणा करनी पड़ी । यह नहर सत्याग्रह पूर्णतः महात्मा गांधी की असहयोग नीति पर आधारित था ।
Cite this article:
तिवारी एवं मिश्र (1992), रायपुर जिले की धमतरी तहसील का कंडेल नहर सत्याग्रह और किसानों की भूमिका. Journal of Ravishankar University (Part-A: SOCIAL-SCIENCE), 5(1), pp.18-20.