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शर्मा (2016). उच्च आय वर्ग के पूर्वशालेय बालकों के पोषण के सापेक्ष शारीरिक वजन. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 22(1), pp.106-111.
Journal
of Ravishankar University,
Part-A,Vol-22, pp.106-111, 2016
ISSN 0970 5910
उच्च आय वर्ग के पूर्वशालेय बालकों के पोषण के
सापेक्ष शारीरिक वजन
गोपा शर्मा
गोपा शर्मा
, गृहविज्ञान
विभाग , शा दू ब महिला स्व स्ना
महाविद्यालय , रायपुर
( Received : 11 November 2015 ; Revised
Received : 25 March 2016. Accepted 28 March 2016 ]
साराश
पोषण
एक ऐसा कारक है जो कि प्रत्यक्ष तौर पर छोटे बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास से
जुड़ा हुआ है । अब यह तथ्य प्रमाणित हो चुका है कि विकासशील देशों में शिशुओं का
पहले छह माह तक समुचित विकास होता है जबकि वे केवल स्तनपान करते है । 6-12 माह की आयु के बीच उन्हें पकाया हुआ अनाज , दाले . कन्द - मूल आदि देना शुरू कर दिया जाता है
इनमें पौष्टिक तत्वों प्रोटीन , आयरन , विटामिन ए की कमी रहती है इन्हीं पोषण तत्वों के
सापेक्ष शारीरिक वजन का स्तर ज्ञात किया गया है । कवर्धा शहर के उच्च आय वर्ग के 1-3 वर्ष के 150 बच्चों का चयन कर
उनके शारीरिक भार के अनुसार उन्हें कम भार ,
सामान्यभार
व उच्चाभार में वर्गीकृत किया गया । इस कार्य के लिए ICMR के द्वारा निर्धारित मानकों की सहायता ली गई । आहार
सर्वेक्षण द्वारा ऊर्जा , प्रोटीन , आयरन व विटामिन ए ICMR के
द्वारा निर्धारित की गई मानकों से कम पायी गई ।
शब्द
कुंजी
- उच्च आय वर्ग , बालक , आहार सर्वेक्षण व वजन का स्तर ।
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