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राय एवं पॉल (2016). ब्रिटिशकालीन छत्तीसगढ़ में भूमि बन्दोबस्त व्यवस्था: दुर्ग जिले के विशेष संदर्भ में. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 22(1), pp.99-105.
Journal
of Ravishankar University,
Part-A,Vol-22, pp.99-105, 2016
ISSN 0970 5910
ब्रिटिशकालीन छत्तीसगढ़ में भूमि बन्दोबस्त व्यवस्था: दुर्ग जिले के विशेष संदर्भ में
सुधा राय एवं आभा रुपेन्द्र पॉल
सुधा राय, इतिहास आध्ययनशाला
, पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर
आभा रुपेन्द्र पाल , इतिहास
अध्ययनशाला , पं.रविशंकर शुक्ल
विश्वविद्यालय रायपुर
(
Received . 29 July 2015 ; Revised Received 17 May 2016 , Accepted : 08 June
2016 ]
सारांश
भारत
एक कृषि प्रधान देश है । कृषि यहां के निवासियों की जीविका का मुख्य आधार है । भू
- राजस्व आय का प्रमुख स्त्रोत है । कृषि एवं भू - राजस्व में अटूट संबंध है । एक
दूसरे पर निर्भर होने के कारण यदि उत्पादन घटता है तो भू - राजस्व भी घटता है । आय
में कमी आती है एवं कृषकों का जीवन कई प्रकार से प्रभावित होता है भारत में
अंग्रेजी सत्ता के राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने से पहले काफी लम्बे समय तक
भारत से व्यापार करते चले आ रहे थे परंतु भारतीय अर्थ व्यवस्था में परिवर्तन 1757 ई . में प्लासी की लड़ाई में विजय के पश्चात्
रॉबर्ट क्लाइव ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखी । नई आर्थिक नितियां
स्थापित की गई । अंग्रेजों का मुख्य उद्देश्य अधिकारिक लाभ उठाना था क्योंकि ईस्ट
इंडिया कंपनी एक व्यापारिक कम्पनी थी । उस समय राजस्व का मूल स्त्रोत भू - राजस्व
था ।
शब्द
कुंजी
- भू - राजस्व , तालुका , गौटिया , रैय्यत , बंदोबस्त , कौड़िया , परगना , रियासत
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