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वासनिक, सोनवानी (2011). ग्रामीण महिलाओं में स्वास्थगत् जागरूकता का समाजशास्त्रीय विश्लेषण (रायपुर जिले के डिघारी ग्राम के विशेष सन्दर्भ में). Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 16(1), pp12-16.
ग्रामीण महिलाओं में स्वास्थगत् जागरूकता का
समाजशास्त्रीय विश्लेषण (रायपुर जिले के डिघारी ग्राम के विशेष सन्दर्भ में)
डॉ (श्रीमती)हेमलता बोरकर वासनिक , टेम्पेश्वरी
सोनवानी वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक , समाजशास्त्र अध्ययनशाला , पं रविशंकर शुक्ल वि.वि रायपुर (छ.ग.)
शोधाधी , समाजशास्त्र
अध्ययनशाला ,
पं.रविशंकर शुक्ल दिवि रायपुर (छ.ग.)
सारांश:
किसी
व्यक्ति समाज वर्ग तथा राज्य की अक्षमता और विकास की सन्दर्भ में उसका स्वास्थ्य
एक महत्वपूर्ण सूचक माना जाता है इस सूचक के परिप्रेक्ष्य में यदि राज्य के
ग्रामीण महिलाओं की स्थिति और क्षमता का विश्लेषण किया जाये ता अनुकूल और आशावादी
स्विीर नहीं उभरती है वास्तविकता तो यह है कि लैंगिग विभेद आज भी हमारे सामाजिक , सांस्कृतिक जीवन का यथार्थ बना हुआ है जिसका सीधा
प्रभाव रत्री - पुरुषों की स्वास्थगत् स्थिति तथा स्वास्थगत् नीतियों के निर्माण
में दिखाई देता है आज आवश्यकता इस बात की है कि महिला स्वास्थ्य को एकाकी
दृष्टिकोण से न देखा जाए तथा महिलाओं हेतु एक समन्धित स्वास्थ्य नीति का निर्माण
हो । प्रस्तुत अध्ययन में अनुसूचित जाति की महिलाओं की स्वास्थगत स्थिति को जानने
का प्रयास किया गया है , प्रस्तुत शोध पत्र
अनुभवजन्य एवं प्राथमिक स्त्रोतों पर आधारित है , प्राथमिक
स्त्रोतों के संकलन हेतु साक्षात्कार अनुसूची उपकरण का प्रयोग किया गया है ।
प्राथमिक स्त्रोतों से प्राप्त आकडों से ज्ञात होता है कि ग्रामीण क्षेत्र में
निवासरत् सतनामी जाति की अधिकांश महिलाएं आज भी परंपरागत तरीके से जीवन का निर्वाह
कर रही है ये रहन - सहन / तौर तरीकों से पूर्णत:परिचित नहीं हुई जिसके कारण उन्हें
स्वास्थगत समस्याओं का सामना करना पड़ता है । परंतु वे महिलाएं जिनमें शिक्षा का
स्तर अच्छा है ये अपने में अपने परिवार के स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गयी है जिसका
प्रत्यक्ष परिणाम भारतीय समाज में देखा जा सकता है जहां स्थास्थगत् स्थिति अशी
होती है वहां के नागरिक सामाजिक एवं राष्ट्रीय विकास में अपनी भूमिका निभा रहे हैं
।
शब्द
कुंजी
-सतनामी जाति की महिला , स्वास्थगत् स्थिति
, सामाजिक विकास
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