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बघेल (1994). मध्यप्रदेश में प्रवास. Journal of Ravishankar University (Part-A: Science), 7(1), pp.74-86.
मध्यप्रदेश में प्रवास
अनुसुइया बघेल
भूगोल अध्ययन – शाला,
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर
आलेख
प्राप्त १-८ - ९ १ संशोधन १६-२ -९ ३
सार
- संक्षेप किसी
की जनसंख्या के भौगोलिक विश्लेषण में प्रवास का अध्ययन महत्वपूर्ण होता है.यह
जनसंख्या का एक अनिश्चित घटक है , तथापि इसका संबंध
राष्ट्रीय घटनाओं तथा आर्थिक उतार चढ़ाव से होने के कारण यह जनसंख्या के अध्ययन
में अन्य सभी तत्वों से अधिक ध्यान आकृष्ट करता है . मध्यप्रदेश जनसंख्या प्रवास
का विश्लेषण जन्म - स्थान सांख्यिकी ' के आधार पर किया
गया है , जो केवल आप्रवास के संबंध
में जानकारी देते हैं . १ ९ ८१ की जनगणना के अनुसार राज्य की ३३.५३ प्रतिशत
जनसंख्या के जन्म स्थान में परिवर्तन हुआ है . प्रवास का सबसे बड़ा प्रकार ग्रामीण
से ग्रामीण प्रवास ( ७७.७७ प्रतिशत ) है . प्रवास संबंधी प्रत्यक्ष सूचना उपलब्ध
नहीं होने के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में शुद्ध प्रवास की मात्रा ज्ञात करने
के लिए " जीवित बची रहने वाली जनसंख्या का अनुपात विधि ” का प्रयोग किया गया है.शुद्ध प्रवास की दृष्टि से
भोपाल और इंदौर जिले का क्रमश : प्रथम और द्वितीय स्थान है , जहां जनसंख्या का आप्रवास हुआ है.
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